शुक्रवार, 4 दिसंबर 2009

मेरे पिता मेरे दोस्त हैं

किसी ने बताया,कि


आज फादर्स डे है

तो पुरानी तस्वीरें पर जमी धुल

अचानक से साफ हो गयी

सिनेमा की मानिंद

यादें फ्लैश बैक में चली गयी

मेरे पिता मुझे

कभी पिता लगे हीं नहीं

हरदम दोस्त ही बने रहे

तब भी,जब मैं छोटा था

जब मैं,पैदल स्कूल जाता था

तब हाथ पकड़े वो

दुनिया,जहान समझाते

जब मैं दोस्तों के साथ सिनेमा जाने लगा

तो कभी रोका हीं नही

उल्टे टिकटें ला दी

जब मैने कॉलेज में कदम रखा

तो कभी रिजल्ट के बारे में पुछा ही नहीं

जब मैं भटक रहा था,

तब हौंसला देते रहे

ठीक हो जाने का भरोसा जताते रहे

जब मैं हारने लगा था,

तब साथ खड़े रहे,विश्वास जगाया

जब मेरी आलोचना हो रही थी,

अकेले सबसे लड़े

जब मैने फिर से शुरूआत की,तो

सबसे पहले बधाई दी

जब संघर्ष के दिन थे,

लड़ने की ताकत दी

और अब,जब मेरी अपनी

जमीन तैयार हो रही है।

तो दोस्त की तरह

सावधान रहने की नसीहत देते हैं ।

दरअसल,उनके साथ ने ही

ताकत दी,कुछ करने का

पर वो पिता कम

आज भी दोस्त ज्यादा हैं.............

10 टिप्‍पणियां:

  1. वाकई पिता से बहुत ताकत मिलती है

    हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी टिप्पणियां दें

    कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
    वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
    डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
    इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
    और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये

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  2. पिता के लिए आप के एहसासात को सलाम

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  3. Yahi to Pita aur Putra ke sambandh ki ushma hai. Aur kahin bhi aisa bhav nahi milega.

    Swaagat hai aapka.

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  4. ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है अपने विचारों की अभिव्यक्ति के साथ साथ अन्य सभी के भी विचार जाने..!!!लिखते रहिये और पढ़ते ...रहिये.... .

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  5. pita marga darshak hote hai.apne sneh se hame abhibhut karate hai.unaka sthan snehmayee hona chahiye.

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